स्त्री और पुरुष इस सृष्टि के दो सबसे महत्वपूर्ण अंग है, इनके बिना इस सृष्टि का निर्माण संभव नहीं था और ना ही आगे इनके बिना दुनिया की कल्पना की जा सकती है | स्त्री और पुरुष विवाह के बंधन में बंधते है और पति पत्नी के रूप में अपने जीवन को प्रारम्भ करते है | ऐसे पति पत्नी के बीच अपने परिवार को आगे बढ़ाने और अपने सुख के लिए संबंध बनाना भी एक सामान्य बात है | लेकिन शास्त्रों में गृहस्थ जीवन से जुड़े कुछ नियम बताये गए है, जिनका पालन करना बहुत आवश्यक है |
विष्णु पुराण के 11वे अध्याय में गृहस्थ जीवन से जुडी कुछ बातें बताई गयी है, जिसके अनुसार एक पुरुष को कुछ परिस्तिथियों में संबंध बनाने से बचना चाहिए, अन्यथा उसे आयु, धन और स्वास्थ्य की हानि का सामना करना पड़ता है | आज हम आपको उन्ही परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहे है |
1. किसी भी पुरुष को संबंध बनाने से पहले अपनी पत्नी की इच्छा भी जान लेनी चाहिए, अगर किसी कारण से पत्नी दुखी है, तो संबंध बनाने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए |पत्नी यदि दुखी है तो उसके दुःख के कारण को जानने की कोशिश करे और उसके दुःख में भी भागीदार बने |
2. शास्त्रों में कहा गया है कि रजस्वला होने पर स्त्री से संबंध नहीं बनाने चाहिए, इस मामले में उनसे दुरी ही रखनी चाहिए और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है, जिसके अनुसार ऐसी स्थिति में संबंध बनाने से दोनों को सक्रमण होने का खतरा बहुत अधिक रहता है |
3. पत्नी की इच्छा ना होने पर उसके साथ कभी संबंध नहीं बनाने चाहिए, इच्छा के विरुद्ध संबंध बनाना पाप माना गया है | इसीलिए आप भी अपनी पत्नी की इच्छा का सम्मान करे |
4. विष्णु पुराण के अनुसार जब पत्नी क्रोधित हो तो भी उसके साथ संबंध नहीं बनाने चाहिए, ऐसा करने से रिश्तो में कड़वाहट आने लगती है |
5. यदि पत्नी बीमार है तो भी उसके साथ संबंध नहीं बनाने चाहिए, ऐसे में आपका फर्ज बनता है कि आप अपनी पत्नी का ख्याल रखे, उस पर ध्यान दे, ना की उस पर संबंध बनाने के लिए दबाव बनाये |
6. जब पत्नी गर्भवती हो तब भी उसके साथ संबंध नहीं बनाने चाहिए, उन्हें पूरा प्यार दे और उनकी इच्छा का सामना करे |